भारतीय संविधान की अनुसूचियां
- अनुसूची – संबंधित विषय
- पहली अनुसूची – राज्य तथा संघ राज्य क्षेत्र
- दूसरी अनुसूची – मुख्य पदाधिकारियों के वेतन
- तीसरी अनुसूची – शपथ
- चौथी अनुसूची – राज्य सभा में स्थानों का आवंटन
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- पांचवीं अनुसूचीं – अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जन-जातियों के प्रशासन और नियंत्रण
- छठीं अनुसूचीं – असम, मेघालय, त्रिपुरा, और मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन
- सातवीं अनुसूचीं – विषयों के वितरण से सूची
- आठवीं अनुसूचीं – 22 भाषाओं का उल्लेख
- नौवीं अनुसूचीं – भूमि सुधार संबंधित अधिनियम
- दसवीं अनुसूचीं – दल बदल संबंधी उपबंध
- ग्याहरवीं अनुसूचीं – पंचायती राज
- बारहवीं अनुसूचीं – शहरों में स्थानीय स्वशासन
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भारतीय संविधान के मौलिक अधिकार
- मूल अधिकार राज्य के विरूद्ध संरक्षण है ।
- अनु. 14 से 18 – समानता का अधिकार
- अनु. 19 से 22 – स्वतंत्रता का अधिकार
- अनु. 23 से 24 – शोषण के विरूद्ध अधिकार
- अनु. 25 से 28 – धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
- अनु. 29 से 30 – संस्कृति और शिक्षा का अधिकार
- अनु. 32 – संवैधानिक उपचारों का अधिकार
- राज्य की परिभाषा अनु 12 तथा अनु 152 में दी गई है।
- संविधान के भाग – 3 को ‘भारत का मैग्नाकार्टा’ कहा जाता है।
- अस्पृश्यता से संबंधित अनु 17 है।
- उपाधियों का अंत अनु 18 में दिया गया है ।
- एक अपराध के लिए दो बार दंडित नहीं किया जाएगा यह प्रावधान अनु 20 में किया गया है ।
- मौलिक अधिकारों के संरक्षण के लिए रिट जारी करने की अधिकारता सर्वोच्च न्यायालय (अनु 32) तथा राज्यों के उच्च न्यायालयों को (अनु 226) प्राप्त हैा
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14. रिट 5 प्रकार के होते है
i) परमादेश
ii) उत्प्रेषण
iii) प्रतिषेध
iv) अधिकार पृच्छा
v) बंदी प्रत्यक्षीकरण
15. डॉ. अम्बेडकर ने संवैधानिक उपचारों के अधिकार को संविधान की आत्मा तथा हृदय कहा।